गुजरात गया हाथ से

चोहिलांवाली, हनुमानगढ़
जिस प्रकार बीजेपी ने लोकसभा चुनाव और उसके बाद अनेक राज्यों की विधानसभा चुनावों में बाजी मार कर सत्ता प्राप्त की है ,उससे कांग्रेस अभी तक उबर नहीं पाई है 
अब गुजरात में चुनाव होने जा रहे हैं ,जैसा कि आपको ज्ञात ही है गुजरात में पाटीदार समुदाय ने आरक्षण के लिए आंदोलन किया था और इस कारण पाटीदार समुदाय बीजेपी से नाराज था तथा दलित वर्ग और पिछड़ा वर्ग भी कहीं ना कहीं बीजेपी से दूर जा रहा था लेकिन कांग्रेस इस सब को साधने में नाकाम रही है ।
इसके अनेक कारण हैं लेकिन मैं इसके लिए जिम्मेदार केवल और केवल राहुल गांधी को  बताऊंगा क्योंकि राहुल गांधी में काबिलियत है कि वह कांग्रेस को फिर से उबार सके लेकिन वह अपनी उस काबिलियत को पहचान नहीं पा रहे हैं या कांग्रेस के अन्य नेता राहुल गांधी को अपनी काबिलियत पहचानने नहीं दे रहे हैं इसका पता तो समय के साथ ही चलेगा ।
खैर बात गुजरात की है तो bjp का वहां लंबे समय तक शासन रहा है और लंबे समय तक शासन रहने के कारण अनेक ऐसे वादे रह जाते हैं जिनको सरकार पूरा नहीं कर पाती है बस इन्हीं बातों को आधार बनाकर विपक्ष सत्ता हासिल करता है लेकिन लगता है कांग्रेस विपक्ष में थी ही नहीं वह तो सत्ता पक्ष का साथ दे रही है जैसा कि देखने में आया है अनेक मुद्दे कांग्रेस ने BJP को दिए और BJP नेताओं ने इन मुद्दों को इस तरह से भुनाया की राज्य की जनता बीजेपी के साथ हो गई और एक बार फिर कांग्रेस को पटखनी दे दी इससे राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भी कद नीचा हुआ है क्योंकि अशोक गहलोत गुजरात में कांग्रेस को जिताने में अग्रणी भूमिका में थे लेकिन कांग्रेस को जो रणनीति बनाने थी ,जिस रणनीति के तहत चुनाव लड़ना था ,जिस तरह से मुद्दे उठाने थे, जिस तरह से कठोर विपक्ष की भूमिका निभानी थी , जिस तरह से एक संगठनात्मक परिपक्वता का परिचय देना था, जिस तरह से राहुल गांधी को राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाना था उस तरह से कांग्रेस नहीं कर पाई और इसमें सबसे बड़ी गलती राहुल गांधी की है क्योंकि वे जानते हैं कि इस तरह से चुनाव नहीं जीते जाते और विशेषकर नरेंद्र मोदी के सामने क्योंकि जिस तरह से नरेंद्र मोदी ने देश की जनता पर अपना जादू चलाया है वह इतनी जल्दी उतरने वाला नहीं है खैर आज चुनाव है और आज ही के दिन में यह सब लिख रहा हूं लेकिन मुझे पूरी तरह यकीन है कि कांग्रेस को 50 से 60 सीटें मिल पाएगी और BJP एक मजबूत बहुमत के साथ सरकार बनाएगी।
इस  हार से कांग्रेस को विशेषकर कांग्रेस अध्यक्ष को सबक लेना होगा और आगे आने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी वरना वही हाल होगा जो गुजरात में हुआ है और यदि राहुल गांधी को रणनीति नहीं बनानी आती है तो 

वह मेरी राय ले सकते हैं हा हा हा हा
बी एस सिधू चोहिलांवाली

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