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Showing posts from December, 2017

राजस्थान: हड़ताली डॉक्टरों को दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम, फिर गिरफ्तारियां

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उच्च न्यायालय की ओर से सरकार को दी गई छूट के बाद डॉक्टरों को तत्काल काम पर लौटने के निर् IST राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने उच्च न्यायालय की ओर से  सरकार को दी गई छूट  के बाद डॉक्टरों को तत्काल काम पर लौटने के निर्देश दिए हैं. इससे पहले क्रिसमस के दिन राजस्थान हाईकोर्ट ने पीआईएल पिटिशन संख्या 20200/2017 डॉ. अभिनव शर्मा, अधिवक्ता बनाम राज्य सरकार व अन्य के मामले में सुनवाई की. इस सुनवाई में कोर्ट के आदेश की पालना में सरकार ने चिकित्सकों तथा रेजीडेन्ट डॉक्टर्स को तत्काल काम पर लौटने के निर्देश दिए हैं. 10 दिन पहले 16 दिसम्बर, 2017 से प्रारम्भ  सामूहिक अवकाश (हड़ताल)  को राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 10 नवम्बर 2017 की अनुपालना में अवैधानिक करार दिया जा चुका है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने बताया कि राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 19 दिसम्बर 2017 की अनुपालना में अब तक काम पर लौटने वाले सेवारत चिकित्सकों तथा रेजीडेन्ट डॉक्टर्स की गिरफ्तारी नहीं की है. उन्होंने बताया कि 26 दिसम्बर तक काम पर लौटने वाले सेवारत चिकित्सकों और

AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के दिल्ली स्थित आवास पर फहरा दिया भगवा झंडा, 'भारत माता की जय' के नारे के साथ पोस्टर भी लगाए

ऑल इंडिया मज्लिस ए इतेहदुल मुसलिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के दिल्ली स्थित आवास पर कुछ युवकों ने भगवा झंडा फहरा दिया है. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें कुछ लोग जो भारत माता की जय के नारे लगाते हुए ओवैसी के घर पर पहुंचते हैं और वहां आवास के मेन गेट पर भगवा झंडा फहरा देते हैं. इसके बाद वहां इकट्ठा हुए लगभग एक दर्जन युवक काफी देर तक नारेबाजी करते हैं. बताया जा रहा है कि हंगामा करने वाले ये युवक राष्ट्र स्वाभिमान दल के हैं. ओवैसी के इसी बात का विरोध करने के लिए ये हिन्दू संगठन युवक उनके घर पर झंडा फहराने पहुंचे थे. युवकों ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भगवा हमारे देश की पहचान रहा है, लेकिन कुछ लोग गंदे मानसिकता की बात करते हैं. हरे रंग से रगने की बात करते हैं. आपका अगर कोई धार्मिक रंग है तो उसे अपने धार्मिक स्थलों पर लगाए. इस पूरे घटनाक्रम के दौरान सबसे अहम बात ये रही कि वीआईपी क्षेत्र होने के बाद भी इन युवको को कोई रोकने नहीं आया. पुलिसकर्मी भी वहां नहीं दिखे. युवकों ने भगवा झंडा को बकायदा घर के बाउंड्री पर गाड़ देते हैं. इसके साथ-साथ ये लोग घर के गे

राजस्थान सरकार का काला कानून

राजस्थान सरकार ने अध्यादेश जारी किया है कि किसी भी जज, मजिस्ट्रेट या लोकसेवक के खिलाफ सरकार से मंजूरी लिए बिना किसी तरह की जांच नहीं की जाएगी. अध्यादेश के मुताबिक, कोई भी लोकसेवक अपनी ड्यूटी के दौरान लिए गए निर्णय पर जांच के दायरे में नहीं आ सकता है, सिवाय कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर 197 के. इतना ही नहीं, किसी भी लोकसेवक के खिलाफ कोई भी एफआईआर दर्ज नहीं करा सकता है. पुलिस भी एफआईआर नहीं दर्ज कर सकती है. किसी भी लोकसेवक के खिलाफ कोई कोर्ट नहीं जा सकता है और न हीं जज किसी लेकसेवक के खिलाफ कोई आदेश दे सकता है।  राजस्थान सरकार ने रोशनी के इस पर्व पर ऐसा काला कानून बना दिया है जिससे खाने वालों के नाम ही उजागर नहीं कर सकेंगे। सरकार ने अध्यादेश जारी कर कहा है कि अब अगर कोई कार्मिक घूस लेते गिरफ्तार हो गया तो बिना अभियोजन स्वीकृति के उसका नाम सार्वजनिक नहीं हो सकेगा।  इस पर राजस्थान सरकार का पक्ष यह है कि कार्मिकों को कई बार झूठे केसों में फंसा दिया जाता है और उनकी छवि खराब होती है चाहे वह बेदाग ही क्यों ना हो और एक बार कार्मिक पर बेवजह FIR दर्ज होने पर वह कभी भी अच्छी सेवा नहीं दे पाता है इस

राजस्थान सरकार का जश्न

राजस्थान सरकार अपने 4 वर्ष के कार्यकाल का खूब जश्न मना रही है, लेकिन मैं जानना चाहता हूं कि यह किस खुशी में मनाया जा रहा है। मेरी नजर में तो सरकार की एक भी ऐसी उपलब्धि नहीं है जिसका बखान किया जाए। हां, इस पर खुशी मनाई जा सकती है कि हमें सरकार ने असली मुद्दे छूने तक नहीं दिए और ना ही राज्य की जनता को अपने चुनाव के समय किए गए वादे याद करने दिया गया। लेकिन एक बात सब जानते हैं कि शांति प्रिय समाज जब अपने हकों के लिए जागता है तो भूचाल ला देता है। राजस्थान सरकार की यह बहुत बड़ी उपलब्धि है कि उसने अभी तक हमें जागने नहीं दिया और जब कोई जागा भी तो उसे छोटा सा लॉलीपॉप देकर सुला दिया गया। सीकर आंदोलन इसका एक उदाहरण है। इस आंदोलन से सरकार अपना बहुत बड़ा हित साधने जा रही है ।वह कैसे, इसके बारे में मैं अपनी राय बाद में रखूंगा। मुझे तो यह समझ नहीं आ रहा कि सरकार अपने किस कार्य के बल पर अपनी पीठ थपथपा रही है। न तो राजस्थान में बेरोजगार कम हुए  और ना ही रोजगार के कोई अवसर पैदा किए गए। जो भी सरकारी भर्ती हुई उनमें से एक भी ऐसी नहीं है जो पूरी तरह से , बिना किसी भी बाधा के पूरी हो पाई हो । नरेगा में

लगता है

लगता है कि अंगुलियों के निशान लेने के लिए सरकार बनाई गई थी  ।

गुजरात गया हाथ से

चोहिलांवाली, हनुमानगढ़ जिस प्रकार बीजेपी ने लोकसभा चुनाव और उसके बाद अनेक राज्यों की विधानसभा चुनावों में बाजी मार कर सत्ता प्राप्त की है ,उससे कांग्रेस अभी तक उबर नहीं पाई है  अब गुजरात में चुनाव होने जा रहे हैं ,जैसा कि आपको ज्ञात ही है गुजरात में पाटीदार समुदाय ने आरक्षण के लिए आंदोलन किया था और इस कारण पाटीदार समुदाय बीजेपी से नाराज था तथा दलित वर्ग और पिछड़ा वर्ग भी कहीं ना कहीं बीजेपी से दूर जा रहा था लेकिन कांग्रेस इस सब को साधने में नाकाम रही है । इसके अनेक कारण हैं लेकिन मैं इसके लिए जिम्मेदार केवल और केवल राहुल गांधी को  बताऊंगा क्योंकि राहुल गांधी में काबिलियत है कि वह कांग्रेस को फिर से उबार सके लेकिन वह अपनी उस काबिलियत को पहचान नहीं पा रहे हैं या कांग्रेस के अन्य नेता राहुल गांधी को अपनी काबिलियत पहचानने नहीं दे रहे हैं इसका पता तो समय के साथ ही चलेगा । खैर बात गुजरात की है तो bjp का वहां लंबे समय तक शासन रहा है और लंबे समय तक शासन रहने के कारण अनेक ऐसे वादे रह जाते हैं जिनको सरकार पूरा नहीं कर पाती है बस इन्हीं बातों को आधार बनाकर विपक्ष सत्ता हासिल करता है लेकिन लगत