निजामुद्दीन मरकज (Nizammuddin Markaj) का मामला सामने आने के बाद ये 8 फेक खबरें आई सामने, जानिए इनकी असलियत
bssidhu/realfact/c
नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित निजामुद्दीन मरकज का मामला सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर झूठ का अंबार लग गया. कई मामलों में तो पुलिस ने भी खबरों को फर्जी बताया. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार सोमवार रात तक तबलीगी जमात से जुड़े मामले की संख्या सोमवार रात तक 1500 थी. जैसे-जैसे कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़ती गई वैसे ही फेक न्यूज की फैक्ट्री से खबरों का सिलसिला शुरू हो गया. आइए हम आपको बताते हैं कि वो कौन सी 8 फेक खबरें हैं जो ना तो आप शेयर करें, फॉरवर्ड करें और ना ही उस पर यकीन करें.
फेक न्यूज 1- मुस्लिम दुकानदार कोरोना वायरस फैलाने के लिए फलों पर थूक रहा है तबलीगी जमात का मामला सामने आने के बाद यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. आल्टन्यूज की ओर से किये गए एक फैक्ट चेक के अनुसार यह वीडियो कोरोना वायरस के पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किये जाने से पहले का है. इस वीडियो में जो शख्स फलों पर थूकते हुए दिख रहा है वह कथित तौर पर मानसिक तौर पर सही नहीं है. वह फलों पर थूक नहीं रहा बल्कि उन्हें गिन रहा है. यह वीडियो मध्य प्रदेश के रायसेन का है.
एसपी रायसेन ने इस बात की पुष्टि की है कि इससे डरने की ऐसी कोई बात नहीं है कि वह वायरस फैला रहे हैं. ऐसा लगता है कि पुराने वीडियो को मौजूदा मामले से जोड़ कर वायरल कर दिया है जिसे टीवी चैनलों ने खूब चलाया. फेक न्यूज 2- कोरोना वायरस फैलाने बरतनों को चाट रहे हैं मुस्लिमकोरोना के मामले सामने आने के बाद एक और वीडियो वायरल हुआ जिसमें दावा किया गया कि बिहारी मस्जिद में मुस्लिम बर्तनों को चाट रहे हैं ताकि वे कोरोना वायरस फैला सकें. बूम और न्यूजलॉन्ड्री द्वारा किये गए फैक्ट चेक में यह बात सामने आई है कि अव्वल तो यह कि वीडियो साल 2018 का है और दूसरा यह है कि ये वो लोग हैं जिनका मानना है कि अन्न का एक अंश भी फेंका नहीं जाना चाहिए इसलिए वे बर्तनों को चाट रहे हैं.
ये लोग दाऊदी वोहरा समाज के दाना कमिटी के हैं. इन खाने के बाद प्लेट्स से अन्न का हर अंश खत्म करने के लिए वे प्लेट्स को चाट रहे हैं. Covid-19 से जुड़े मामलों के सामने आने के बाद यह वीडियो भी सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने के लिए वायरल किया गया.
फेक न्यूज 3- मुस्लिम वायरस फैलाने के लिए एक साथ छींक रहे हैंतबलीगी से जुड़े मामले सामने आने के बाद एक और वीडियो सामने आया जिसमें दावा किया गया कि मुस्लिम एक साथ छींक रहे हैं ताकि वायरस फैल सकें. हालांकि यह इस वीडियो की सच्चाई नहीं है. दरअसल, वीडियो में दिखाया है वह एक प्रेयर यानी प्रार्थना की एक सूफी परंपरा है, जिसे जिक्र कहा जाता है. अब आप यह खुद सोचिए कि क्या ढेर सारे लोग एक साथ समय पर एक ही आदेश पर छींक सकते हैं? क्या संभव है ! व्यावहारिक तौर पर ऐसा असंभव है.
यह वीडियो 30 जनवरी 2020 के करीब पाकिस्तान में भी इसी एंगल से वायरल था कि ये लोग कोरोना वायरस फैला रहे हैं लेकिन यह सच नही है.
फेक न्यूज 4 - कराची में हिंदुओं को नहीं मिल रहा राशनपाकिस्तान के कराची में हिंदुओं के कई वीडियो इस दावे के साथ वायरल हुए कि हिंदुओं में कोरोनो वायरस संकट के दौरान भेदभाव किया गया और रेहरी गोथ में सरकारी राशन नहीं दिया गया. समाचार एक भारतीय समाचार एजेंसी के वायर सर्विस पर भी दिया गया और सभी प्रमुख डिजिटल समाचार प्लेटफार्मों ने अपने यहां प्रकाशित किया हालांकि, पाकिस्तानी अंग्रेजी अखबार द न्यूज इंटरनेशनल द्वारा किए गए एक फैक्ट-चेक ने रिपोर्ट को आधारहीन करार दिया, जिसमें दावा किया गया कि रेहरी गोथ में वितरण स्थल पर खाना चल रहा है, जहां कथित तौर पर घटना हुई थी. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जैसे-जैसे आपूर्ति बढ़ती गई, सभी धर्मों के लोग भोजन मिला. हालांकि News18.com पाकिस्तानी समाचार संस्था की रिपोर्ट की सच्चाई की पुष्टि नहीं कर सकता.
फेक न्यूज 5- मुस्लिम युवक ने पुलिस पर थूकापुलिस वैन में मुस्लिम व्यक्ति को पुलिस थाने में ले जाते हुए एक वीडियो वायरल हुआ. यह दावा किया गया था कि उस आदमी को निजामुद्दीन से 166 अन्य लोगों के साथ उठाया गया था और दिल्ली के तुगलकाबाद में एक आइसोलेशन केंद्र में ले जाया गया था, जहां पीटीआई जैसी समाचार एजेंसियों ने कुछ मुसलमानों द्वारा डॉक्टरों और स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार की सूचना दी थी.
आरोप लगाया गया कि युवक ने पुलिस पर थूका. कई स्वास्थ्य अधिकारियों और अधिकारियों ने इस घटना की पुष्टि की, वीडियो उसी संदर्भ में वायरल भी हो रहा था, हालांकि यह नकली था और मामला दिल्ली का नहीं बल्कि महाराष्ट्र का था. बीबीसी हिंदी के एक फैक्टचेक के अनुसार यह वीडियो मार्च का है. ठाणे में यह घटना हुई थी. कथित तौर पर खाना ना मिलने के बाद उसने पुलिस पर थूक दिया. उसके बाद पुलिस ने उसकी पिटाई की. वीडियो का निजामुद्दीन से कोई लेना-देना नहीं था.
फेक न्यूज 6- रीवा में एसपी आबिद खान ने पुजारी को मारामध्य प्रदेश स्थित रीवा में की कुछ तस्वीरें उस वक्त वायरल हुई जब उसमें कथित तौर पर जिले के एसपी आबिद खान ने रामनवमी के दिन मंदिर के पुजारी को मारा. हालांकि तस्वीर में एसपी आबिद खान नहीं थे. आईजी रेंज रीवा ने एक फेसबुक पोस्ट में पूरे मामले पर स्पष्टीकरण जारी किया जिसमें उन्होंने पूरे मामले की सच्चाई बयां की.
पुलिस महानिरीक्षक, रीवा जोन चंचल शेखर ने बताया कि -
रीवा जिले के एक पुजारी एवं मन्दिर से सम्बंधित कुछ तस्वीरें फेसबुक, ट्विटर एवं अन्य सोशल मीडिया पर प्रमुखता से पोस्ट एवं फॉरवर्ड की जा रहीं हैं. जिसके संबंध में निम्नलिखित तथ्यों को स्पष्ट किया जाना आवश्यक है:-
1. फोटोग्राफ में जो पुलिस कर्मी दिखाई दे रहे हैं वह रीवा पुलिस अधीक्षक, आबिद खान नहीं हैं.
2. यह कार्रवाई लॉकडाउन को लागू करने के लिए थाना प्रभारी निरीक्षक राजकुमार मिश्रा एवं स्टॉफ द्वारा मन्दिर में लोगों के एकत्रित होने की सूचना के बाद की गई.
3. उक्त घटना में थाना प्रभारी निरीक्षक राजकुमार मिश्रा द्वारा अनुचित ढंग से कार्रवाई करने के लिए पुलिस महानिरीक्षक, रीवा जोन चंचल शेखर द्वारा तत्काल लाइन अटैच कर दिया गया है एवं उपनिरीक्षक शिवपूजन सिंह बिशेन को थाना प्रभारी बनाया गया है.
फेक न्यूज 7- रेस्तरां में मुस्लिम वेटर खाने में थूक रहा है-सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है कि एक युवक रेस्तरां में लोगों को खाना परोसते हुए उसमें थूक रहा है हालांकि यह मामला भारत का नहीं हैं और ना ही यह पुष्ट है कि युवक थूक ही रहा था. कोरोना फैलने के बाद यह वीडियो कई देशों में सर्कुलेट हुआ. सिंगापुर के अधिकारियों का कहना है यह वीडियो एक साल पहले देश में वायरल हुआ था और इसका कोरोना वायरस से कोई लेना देना नहीं है.
फेक न्यूज 8- ईरान और इटली के Covid -19 Positive मुस्लिम नागरिक पटना में छिपेमार्च में, इटली और ईरान के 50 विदेशी नागरिकों के पटना के कुर्जी इलाके में छिपने की खबरें आईं थीं. कथित तौर पर विदेशियों को गली नंबर एक मस्जिद में रखा गया था. कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया था कि वे इटली और ईरान से थे, अन्य ने दावा किया कि वे चीन के वीगर मुस्लिम थे.
AltNews की एक रिपोर्ट के अनुसार विदेशी नागरिक (किर्गिस्तान) थे जो सभी 30 जनवरी से पहले भारत पहुंचे थे जब पहला COVID-19 मामला दर्ज किया गया था. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि विदेशी नागरिक वास्तव में दो अन्य स्थानीय गाइडों के साथ गली 74 में मस्जिद में रह रहे थे, उन सभी को स्थानीय लोगों के संदेह पर एम्स ले जाया गया था जहां उन्होंने उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई।
निजामुद्दीन मरकज (Nizammuddin Markaj) का मामला सामने आने के बाद कई खबरें सामने आ रही हैं. आइए हम आपको बताते हैं कि वे कौन सी 8 फेक खबरें हैं जो ना तो आप शेयर करें, फॉरवर्ड करें और ना ही उस पर यकीन करें
फेक न्यूज 1- मुस्लिम दुकानदार कोरोना वायरस फैलाने के लिए फलों पर थूक रहा है
एसपी रायसेन ने इस बात की पुष्टि की है कि इससे डरने की ऐसी कोई बात नहीं है कि वह वायरस फैला रहे हैं. ऐसा लगता है कि पुराने वीडियो को मौजूदा मामले से जोड़ कर वायरल कर दिया है जिसे टीवी चैनलों ने खूब चलाया.
ये लोग दाऊदी वोहरा समाज के दाना कमिटी के हैं. इन खाने के बाद प्लेट्स से अन्न का हर अंश खत्म करने के लिए वे प्लेट्स को चाट रहे हैं. Covid-19 से जुड़े मामलों के सामने आने के बाद यह वीडियो भी सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने के लिए वायरल किया गया.
फेक न्यूज 3- मुस्लिम वायरस फैलाने के लिए एक साथ छींक रहे हैंतबलीगी से जुड़े मामले सामने आने के बाद एक और वीडियो सामने आया जिसमें दावा किया गया कि मुस्लिम एक साथ छींक रहे हैं ताकि वायरस फैल सकें. हालांकि यह इस वीडियो की सच्चाई नहीं है. दरअसल, वीडियो में दिखाया है वह एक प्रेयर यानी प्रार्थना की एक सूफी परंपरा है, जिसे जिक्र कहा जाता है. अब आप यह खुद सोचिए कि क्या ढेर सारे लोग एक साथ समय पर एक ही आदेश पर छींक सकते हैं? क्या संभव है ! व्यावहारिक तौर पर ऐसा असंभव है.
#NizamuddinIdiots they are not idiots like Kanika Kapoor they have hidden agenda What are they practicing here pic.twitter.com/8dPOswu1JS
— nithin (@nithin42349592) April 1, 2020
यह वीडियो 30 जनवरी 2020 के करीब पाकिस्तान में भी इसी एंगल से वायरल था कि ये लोग कोरोना वायरस फैला रहे हैं लेकिन यह सच नही है.
फेक न्यूज 4 - कराची में हिंदुओं को नहीं मिल रहा राशनपाकिस्तान के कराची में हिंदुओं के कई वीडियो इस दावे के साथ वायरल हुए कि हिंदुओं में कोरोनो वायरस संकट के दौरान भेदभाव किया गया और रेहरी गोथ में सरकारी राशन नहीं दिया गया. समाचार एक भारतीय समाचार एजेंसी के वायर सर्विस पर भी दिया गया और सभी प्रमुख डिजिटल समाचार प्लेटफार्मों ने अपने यहां प्रकाशित किया हालांकि, पाकिस्तानी अंग्रेजी अखबार द न्यूज इंटरनेशनल द्वारा किए गए एक फैक्ट-चेक ने रिपोर्ट को आधारहीन करार दिया, जिसमें दावा किया गया कि रेहरी गोथ में वितरण स्थल पर खाना चल रहा है, जहां कथित तौर पर घटना हुई थी. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जैसे-जैसे आपूर्ति बढ़ती गई, सभी धर्मों के लोग भोजन मिला. हालांकि News18.com पाकिस्तानी समाचार संस्था की रिपोर्ट की सच्चाई की पुष्टि नहीं कर सकता.
फेक न्यूज 5- मुस्लिम युवक ने पुलिस पर थूकापुलिस वैन में मुस्लिम व्यक्ति को पुलिस थाने में ले जाते हुए एक वीडियो वायरल हुआ. यह दावा किया गया था कि उस आदमी को निजामुद्दीन से 166 अन्य लोगों के साथ उठाया गया था और दिल्ली के तुगलकाबाद में एक आइसोलेशन केंद्र में ले जाया गया था, जहां पीटीआई जैसी समाचार एजेंसियों ने कुछ मुसलमानों द्वारा डॉक्टरों और स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार की सूचना दी थी.
आरोप लगाया गया कि युवक ने पुलिस पर थूका. कई स्वास्थ्य अधिकारियों और अधिकारियों ने इस घटना की पुष्टि की, वीडियो उसी संदर्भ में वायरल भी हो रहा था, हालांकि यह नकली था और मामला दिल्ली का नहीं बल्कि महाराष्ट्र का था. बीबीसी हिंदी के एक फैक्टचेक के अनुसार यह वीडियो मार्च का है. ठाणे में यह घटना हुई थी. कथित तौर पर खाना ना मिलने के बाद उसने पुलिस पर थूक दिया. उसके बाद पुलिस ने उसकी पिटाई की. वीडियो का निजामुद्दीन से कोई लेना-देना नहीं था.
फेक न्यूज 6- रीवा में एसपी आबिद खान ने पुजारी को मारामध्य प्रदेश स्थित रीवा में की कुछ तस्वीरें उस वक्त वायरल हुई जब उसमें कथित तौर पर जिले के एसपी आबिद खान ने रामनवमी के दिन मंदिर के पुजारी को मारा. हालांकि तस्वीर में एसपी आबिद खान नहीं थे. आईजी रेंज रीवा ने एक फेसबुक पोस्ट में पूरे मामले पर स्पष्टीकरण जारी किया जिसमें उन्होंने पूरे मामले की सच्चाई बयां की.
पुलिस महानिरीक्षक, रीवा जोन चंचल शेखर ने बताया कि -
रीवा जिले के एक पुजारी एवं मन्दिर से सम्बंधित कुछ तस्वीरें फेसबुक, ट्विटर एवं अन्य सोशल मीडिया पर प्रमुखता से पोस्ट एवं फॉरवर्ड की जा रहीं हैं. जिसके संबंध में निम्नलिखित तथ्यों को स्पष्ट किया जाना आवश्यक है:-
1. फोटोग्राफ में जो पुलिस कर्मी दिखाई दे रहे हैं वह रीवा पुलिस अधीक्षक, आबिद खान नहीं हैं.
2. यह कार्रवाई लॉकडाउन को लागू करने के लिए थाना प्रभारी निरीक्षक राजकुमार मिश्रा एवं स्टॉफ द्वारा मन्दिर में लोगों के एकत्रित होने की सूचना के बाद की गई.
3. उक्त घटना में थाना प्रभारी निरीक्षक राजकुमार मिश्रा द्वारा अनुचित ढंग से कार्रवाई करने के लिए पुलिस महानिरीक्षक, रीवा जोन चंचल शेखर द्वारा तत्काल लाइन अटैच कर दिया गया है एवं उपनिरीक्षक शिवपूजन सिंह बिशेन को थाना प्रभारी बनाया गया है.
फेक न्यूज 7- रेस्तरां में मुस्लिम वेटर खाने में थूक रहा है-सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है कि एक युवक रेस्तरां में लोगों को खाना परोसते हुए उसमें थूक रहा है हालांकि यह मामला भारत का नहीं हैं और ना ही यह पुष्ट है कि युवक थूक ही रहा था. कोरोना फैलने के बाद यह वीडियो कई देशों में सर्कुलेट हुआ. सिंगापुर के अधिकारियों का कहना है यह वीडियो एक साल पहले देश में वायरल हुआ था और इसका कोरोना वायरस से कोई लेना देना नहीं है.
फेक न्यूज 8- ईरान और इटली के Covid -19 Positive मुस्लिम नागरिक पटना में छिपेमार्च में, इटली और ईरान के 50 विदेशी नागरिकों के पटना के कुर्जी इलाके में छिपने की खबरें आईं थीं. कथित तौर पर विदेशियों को गली नंबर एक मस्जिद में रखा गया था. कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया था कि वे इटली और ईरान से थे, अन्य ने दावा किया कि वे चीन के वीगर मुस्लिम थे.
AltNews की एक रिपोर्ट के अनुसार विदेशी नागरिक (किर्गिस्तान) थे जो सभी 30 जनवरी से पहले भारत पहुंचे थे जब पहला COVID-19 मामला दर्ज किया गया था. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि विदेशी नागरिक वास्तव में दो अन्य स्थानीय गाइडों के साथ गली 74 में मस्जिद में रह रहे थे, उन सभी को स्थानीय लोगों के संदेह पर एम्स ले जाया गया था जहां उन्होंने उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई।
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