दोस्तों ! आजकल अधिकांश किसान अपनी स्थिति बेहतर करने के लिए तीसरे मोर्चे के गठन की बात कर रहे हैं ।उनकी कुछ अर्थों में यह मांग सही भी है और इनकी वकालत करने वाले भी सही है । लेकिन जो बुद्धिजीवी किसान हैं या यूं कहें जिनको राजस्थान की राजनीति की समझ है। मेरे विचार से उन्हें यह सोचना चाहिए कि क्या यह कदम 2018 के चुनावों के लिए सही है । हां, यह सही है कि राजस्थान का किसा न एकजुट होने लगा है और वह प्रचलित दोनों दलों को छोड़ना चाहता है। लेकिन यह भी समझना होगा कि क्या 80 प्रतिशत खेती पर निर्भर जनता तीसरे मोर्चे का गठन करना चाहती है या फिर केवल वही किसान जो राजनीति व सोशल मीडिया की समझ रखते हैं। हमारे राजस्थान में अभी तक मुस्लिम मतदाता व दलित वर्ग (40 वर्ष से अधिक आयु के मतदाता) कांग्रेस को ही वोट देते आए हैं और मेरा मानना है कि वे 2018 के चुनावों में भी ऐसा ही करेंगे क्योंकि जिस तरह से देश में हिंदुत्व का मुद्दा उछाला जा रहा है मेंरा मानना है कि यदि इस समय विशाल भू-भाग वाले राजस्थान मेंकिसी तीसरे मोर्चे का गठन होता है तो इसका अर्थ होगा वर्तमान सरकार को सत्ता उपहार में देना ।क्योंकि यह तो त
पिछले कई सालों से जाने माने अभिनेता जितेंद्र लाइमलाइट से दूर थे। आखरी बार उन्होंने 2007 में आई फिल्म 'ओम शांति ओम' में गेस्ट अपीयरेंस का रोल निभाया था। इतने सालों बाद एक बार फिर वह चर्चा में आ गए हैं और इस बार चर्चा में आने की वजह है उनकी ममेरी बहन द्वारा लगाया गया रेप का आरोप। मिली जानकारी के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के डीजीपी को दी गई शिकायत में उसने सिलसिलेवार तरीके से पूरा घटनाक्रम पुलिस को बताया है ।उसने शिकायत में लिखा है, 'मेरे पिता की बहन के बेटे रवि कपूर एक प्रोफेशनल एक्टर हैं, उन्हें जितेंद्र के नाम से भी जाना जाता है। जब मैं टीनएज में थी, तब मैं उनसे फैमिली के साथ एक बार मिली थी या शायद साल में दो बार मिली। कभी-कभार ही हम सीधे एक-दूसरे से मिलते थे।हमेशा रिश्तेदार मौजूद रहते थे। जितेंद्र की कजिन द्वारा दिया गया शिकायती पत्र-1 ये जनवरी 1971 की बात है। जब मैं 18 साल की थी और जितेंद्र 28 साल के थे। उन्होंने मेरे पिता से कहकर मुझे उस जगह बुलाया, जहां उनकी फिल्म की शूटिंग चल रही थी। मुझे इस बारे में पता नहीं था कि मुझे अकेला ही वहां बुलाया गया है। ये सब मेरी जा
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